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Coding Guidelines

VHDL डिजिटल हार्डवेयर को describe करने के लिए इस्तेमाल की जाती है,
लेकिन सही VHDL लिखना सिर्फ इतना नहीं है कि “कोड चले।”
अच्छा कोड ऐसा होना चाहिए जो पढ़ने में आसान हो,
दोबारा इस्तेमाल किया जा सके,
और synthesis के लिए तैयार हो —
यानि जब उसे असली हार्डवेयर में बदला जाए तो वह सही तरह से काम करे।
इसीलिए इंजीनियर कुछ आसान नियमों का पालन करते हैं जिन्हें Coding Guidelines कहा जाता है।

कोड को छोटे मॉड्यूल्स में लिखो

हमेशा अपने बड़े डिज़ाइन को छोटे हिस्सों में बाँटो।
हर हिस्सा (entity) सिर्फ एक साफ़-साफ़ काम करे —
जैसे counter, adder, या decoder।
फिर इन छोटे ब्लॉक्स को टॉप लेवल पर आपस में जोड़ो।
इससे debugging, testing और design बदलना आसान होता है।
हर entity अपनी अलग फ़ाइल में होनी चाहिए,
और फ़ाइल का नाम उसी entity के नाम जैसा होना चाहिए।

साफ़ और अर्थपूर्ण नाम इस्तेमाल करो

आपके signal और port के नाम यह बताने चाहिए कि वे क्या करते हैं।
छोटे या confusing नाम जैसे a1 या temp से बचो।
ऐसे नाम दो जैसे clk_sys, reset_n, data_in, count_out।
इससे कोई भी व्यक्ति (यहाँ तक कि भविष्य में आप खुद भी)
design को आसानी से समझ सकेगा।

अगर चाहो तो ये naming pattern follow कर सकते हो:

  • Input → _i से खत्म हो
     

  • Output → _o से खत्म हो
     

  • Active low → _n से खत्म हो
     

उदाहरण: reset_n_i का मतलब है input reset signal जो active low है।

Sequential और Combinational Logic को अलग रखो

जब आप process के अंदर कोड लिखते हो,
तो clock वाले logic (rising_edge(clk)) को
combinational logic (simple if या case बिना clock के) से अलग रखो।
इससे design सही व्यवहार करता है और latch नहीं बनते।

Example:

VHDL

हमेशा Reset Signal का उपयोग करो

हर sequential design (जिसमें flip-flops हों) में reset ज़रूरी है।
यह सर्किट शुरू होने पर सभी registers को known values देता है।
Predictable results के लिए synchronous reset (clock के अंदर) इस्तेमाल करो।

VHDL

Latch से बचो

Latch तब बनता है जब आप किसी signal को हर स्थिति में assign नहीं करते।
ये ज़्यादातर अनचाहे होते हैं और timing समस्याएँ पैदा करते हैं।

गलत कोड:

VHDL

जब sel = '1' होता है, y को नया value मिलता है।
लेकिन जब sel = '0' होता है, तो y को कुछ assign नहीं किया जाता,
इसलिए उसे अपना पुराना value “याद” रखना पड़ता है।
इस memory के लिए हार्डवेयर अपने आप latch बना देता है।

सही कोड:

VHDL

क्यों latch बुरा होता है:

  • Latches level-sensitive होते हैं, flip-flop की तरह edge-sensitive नहीं।
     

  • ये timing errors (race conditions) ला सकते हैं।
     

  • इन्हें verify करना मुश्किल होता है।
     

  • FPGA/ASIC design में ये ज़्यादातर गलती से बनते हैं।

 

 

Registers के लिए Rising Edge का उपयोग करो

सभी flip-flops को rising_edge(clk) या falling_edge(clk) के साथ लिखो।
कभी भी RTL में delays (जैसे after 10 ns) मत लिखो —
वे सिर्फ simulation के लिए होते हैं।

सही कोड:

VHDL

गलत कोड:

q <= d after 10 ns;  -- ये सिर्फ simulation में काम करेगा, hardware में नहीं

सही Libraries का उपयोग करो

Math या arithmetic के लिए हमेशा ये लाइब्रेरी यूज़ करो:

use IEEE.NUMERIC_STD.ALL;

 

और unsigned या signed types का इस्तेमाल करो।
पुरानी libraries (जैसे std_logic_arith, std_logic_unsigned) से बचो
क्योंकि वे synthesis में गलत परिणाम दे सकती हैं।

Example:

signal a, b : unsigned(7 downto 0);

signal sum  : unsigned(8 downto 0);

sum <= ('0' & a) + ('0' & b);

RTL में Simulation Delays मत लिखो

Commands जैसे wait for 10 ns; या
signal <= value after 5 ns;
सिर्फ testbench के लिए होते हैं।
Hardware nanoseconds नहीं समझता —
ये सिर्फ simulation world में होते हैं।

Generics का उपयोग करो ताकि Design Reusable हो

अगर आप चाहते हो कि आपका design अलग-अलग size (जैसे 4-bit, 8-bit, 16-bit) पर चले,
तो generics का इस्तेमाल करो।
इससे कोड flexible बनता है और बार-बार लिखना नहीं पड़ता।

उदाहरण:

VHDL

अब आप सिर्फ N बदलकर 4-bit या 16-bit counter बना सकते हो।

Comments और Documentation लिखो

अच्छा VHDL कोड वो होता है जो पढ़ने में आसान हो।
छोटे comments लिखो जो बताए कि हर process या signal क्या करता है।
हर फ़ाइल के ऊपर छोटा सा header भी लिखो:

-- File: counter.vhd

-- Author: <your name>

-- Function: 4-bit up/down counter

-- Date: <date>

 

इससे project professional दिखता है और दूसरों (या खुद आपको) समझने में आसानी होती है।

हर चीज़ को Testbench से Verify करो

हर VHDL design के लिए testbench ज़रूरी है।
Testbench input देता है, output चेक करता है,
और waveform दिखाता है।
आप इसे manually, file-based या BFM-style में लिख सकते हैं।
Testing से ही पता चलता है कि आपका RTL सच में सही काम कर रहा है या नहीं।

क्यों ये Rules ज़रूरी हैं

ये rules सिर्फ style के लिए नहीं हैं —
ये ensure करते हैं कि आपका design simulation और synthesis दोनों में सही चले।
ये कोड को reusable, debugging-friendly और FPGA/ASIC tools के लिए तैयार बनाते हैं।
अगर आप साफ़, modular और अच्छे comments वाला VHDL लिखते हैं,
तो आपका design हमेशा भरोसेमंद और professional रहेगा।

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